• Home
  • India
  • Rajasthan
  • Alwar
  • Politics
  • SPORTS
  • ECONOMY
  • Science & Tech
  • Jobs
  • HEALTH
  • Bollywood
  • blog
    November 17, 2025

    NDA को मिली जीत में चिराग-कुशवाहा वोटों की बड़ी भूमिका, अन्य का असर 10% हुआ कम

    विपक्षी महागठबंधन न तो ‘अन्य’ श्रेणी का प्रभाव घटने का लाभ ले सका और न ही वीआईपी को एनडीए से अलग करने से कोई फायदा उठा पाया।
    बीते चुनाव में एनडीए और महागठबंधन दोनों को लगभग 37–37% वोट मिले थे। इस बार महागठबंधन को पहले के 37.94% के मुकाबले लगभग 37.39% वोट मिले। दूसरी ओर, एनडीए का वोट बैंक 9% की बड़ी छलांग के साथ मजबूत होकर उभरा।

    ‘अन्य’ के वोटों में भारी गिरावट

    निर्दलीय और गैर-पंजीकृत दलों के वोट, जिन्हें ‘अन्य’ श्रेणी में माना जाता है, इस चुनाव में उल्लेखनीय रूप से घटे।

    • पिछले चुनाव में ‘अन्य’ को 19.45% वोट मिले थे
    • इस बार यह घटकर करीब 10% पर आ गया

    ऐसा माना जा रहा है कि ‘अन्य’ का प्रभाव कम करने में एनडीए की रणनीति और लगभग 3.5% वोट पाने वाली जनसुराज पार्टी के उदय का असर रहा। जनसुराज की पकड़ बड़े गठबंधनों के वोट बैंक पर नहीं, बल्कि मुख्य रूप से ‘अन्य’ वर्ग पर ही सीमित रही।

    माई समीकरण: ‘एम’ में नुकसान, ‘वाई’ अब भी मजबूत

    राजद को मुस्लिम मतदाताओं से झटका लगा, जिसका लाभ AIMIM ने उठा लिया।
    हालाँकि ‘वाई’ यानी यादव वोट बैंक पर राजद की पकड़ अब भी मजबूत बनी हुई है। पार्टी के 25 में से 11 विधायक इसी समुदाय से आते हैं। लेकिन गठबंधन स्तर पर देखा जाए तो इस बार यादव विधायकों की संख्या एनडीए में अधिक है।

    कैसे मजबूत हुई एनडीए की बढ़त

    पिछले चुनाव में लोजपाआर और आरएलएम एनडीए का हिस्सा नहीं थे और दोनों को मिलकर 7.43% वोट मिले थे।
    इस चुनाव में दोनों को 6.15% वोट प्राप्त हुए, जो दर्शाता है कि उनका अधिकांश वोट बैंक इस बार सीधे एनडीए के खाते में गया।
    साथ ही एनडीए ने गैर-पंजीकृत दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों के वोटों में भी सफलतापूर्वक सेंध लगाई, जिससे उसके कुल वोट प्रतिशत में 9% से अधिक की बढ़त दर्ज की गई।

    Tags :
    Share :

    Top Stories