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    October 20, 2025

    पटाखों का धुआं कहीं बन न जाए आफत, अस्थमा और सांस के मरीज जरूर जान लें ये बातें

    दीपावली रोशनी, खुशियों और एकजुटता का पर्व है। इस दिन लोग घरों में दीपक जलाते हैं, मिठाइयां बांटते हैं और आसमान पटाखों की चमक से जगमगाता है। लेकिन इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर कई गुना बढ़ जाता है, जिससे सांस की बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।

    दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण बढ़ा
    इस बार दिवाली से पहले ही राजधानी दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि दिवाली के बाद हवा की गुणवत्ता और भी खराब होने की संभावना है। अस्थमा, एलर्जी और अन्य श्वसन रोगियों के लिए यह परेशानी बढ़ा सकता है।

    डॉ. गरिमा सेकिया का सुझाव
    दिल्ली स्थित अस्पताल की श्वसन रोग विशेषज्ञ डॉ. गरिमा सेकिया बताती हैं कि दिवाली के बाद बड़ी संख्या में मरीज सांस की समस्याओं के साथ अस्पताल आते हैं। दिवाली के दौरान पटाखों से हवा में पीएम2.5 का स्तर 5-7 गुना बढ़ जाता है, जो फेफड़ों में जाकर खांसी, आंखों में जलन और अस्थमा अटैक का कारण बन सकता है।

    दिवाली में सुरक्षित रहने के उपाय

    • बाहर जाने से बचें – खासकर रात के समय जब धुंआ ज्यादा होता है।
    • घर की खिड़कियां बंद रखें और एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।
    • मास्क पहनें, अगर बाहर जाना जरूरी हो।
    • इनडोर प्रदूषण से बचें – घर में अगरबत्ती और धूपबत्ती का सीमित उपयोग करें।
    • दवाएं साथ रखें – अस्थमा या सीओपीडी मरीजों को इनहेलर और जरूरी दवाएं हमेशा पास रखनी चाहिए।
    • हाइड्रेट रहें – पर्याप्त पानी पिएं ताकि बलगम पतला रहे और सांस लेने में आसानी हो।

    डॉ. गरिमा कहती हैं, अगर तेज खांसी, सीने में भारीपन, सांस फूलना या सिर दर्द जैसी समस्या हो, तो इसे नजरअंदाज न करें। तुरंत इनहेलर या दवा लें और राहत न मिलने पर अस्पताल जाएं।

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