कुछ दशक पहले तक माना जाता था कि हड्डियां और मांसपेशियां उम्र बढ़ने के साथ ही कमजोर होती हैं। लेकिन अब स्थिति बदल गई है। हड्डियों और जोड़ों में दर्द और कमजोरी की समस्या अब कम उम्र के लोगों में भी देखने को मिल रही है।
विशेषज्ञों के अनुसार, 25-35 साल के युवाओं में घुटनों, कंधों और हाथों के जोड़ों में दर्द, अकड़न और सूजन जैसी समस्याएं आम हो गई हैं। इसके पीछे प्रमुख कारणों में लाइफस्टाइल, खान-पान की कमी और शारीरिक निष्क्रियता शामिल हैं।
धूम्रपान भी बढ़ा सकता है जोखिम
जब गठिया (आर्थराइटिस) की बात आती है, तो अक्सर लोग व्यायाम की कमी, कैल्शियम और विटामिन डी की कमी जैसी स्थितियों के बारे में सोचते हैं। लेकिन धूम्रपान भी इस बीमारी को बढ़ावा दे सकता है।
रूमेटाइड आर्थराइटिस (RA) और ऑस्टियोआर्थराइटिस के कुछ आनुवंशिक जोखिम होते हैं, लेकिन केवल जीन ही कारण नहीं बनते। आनुवंशिक प्रवृत्ति होने पर भी लक्षणों को ट्रिगर करने के लिए चोट, संक्रमण और जीवनशैली जैसे कारकों की जरूरत होती है। धूम्रपान ऐसे ही जोखिमों में से एक है।
शोध बताते हैं कि जो लोग नियमित धूम्रपान करते हैं, उनमें RA और ऑस्टियोआर्थराइटिस का खतरा 2-3 गुना तक बढ़ जाता है।
शरीर पर धूम्रपान का असर
धूम्रपान के कारण शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ता है, जिससे जोड़ों में सूजन और प्रतिरक्षा प्रणाली में गड़बड़ी होती है। जोड़ों के कार्टिलेज धीरे-धीरे खराब होने लगते हैं, जिससे दर्द और अकड़न बढ़ती है।
सिगरेट में मौजूद निकोटिन हड्डियों के रक्त संचार और बोन डेंसिटी को कम करता है, जिससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। अध्ययन बताते हैं कि धूम्रपान करने वाले पुरुषों में RA का जोखिम दोगुना और महिलाओं में 1.3 गुना अधिक होता है।
आर्थराइटिस के खतरे से बचाव
विशेषज्ञों का कहना है कि युवाओं को जोड़ों की समस्याओं से बचने के लिए सावधानी बरतनी जरूरी है। इसके लिए:
- धूम्रपान और तंबाकू का सेवन बंद करें।
- रोजाना कम से कम 30 मिनट शारीरिक गतिविधि या योग करें।
- आहार में कैल्शियम, विटामिन डी और प्रोटीन से भरपूर चीजें शामिल करें जैसे दूध, दही, अंडे, मछली और हरी सब्जियां।
- वजन नियंत्रित रखें, ताकि जोड़ों पर अतिरिक्त दबाव न पड़े।
इन सरल उपायों को अपनाकर युवा अपने जोड़ों और हड्डियों को स्वस्थ रख सकते हैं और आर्थराइटिस के खतरे को कम कर सकते हैं।