आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के जरिए बने संगीत की तेजी से बढ़ती लोकप्रियता आने वाले समय में कलाकारों की रॉयल्टी और उनकी आमदनी के लिए खतरा साबित हो सकती है। ऐसा हम नहीं कह रहे, ऐसा कह रही है वैश्विक क्रेडिट एजेंसी फिच रेटिंग्स की ताजा रिपोर्ट। चेतावनी दी गई है कि एआई-से बने संगीत का प्रसार पारंपरिक कलाकारों के जरिए बनाए गए संगीत की मांग को कमजोर कर सकता है और इससे संगीत इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी (IP) आधारित एसेट-बैक्ड सिक्योरिटीज (ABS) पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
एआई से बढ़ रहा है डिजिटल संगीत प्लेटफॉर्म्स पर दबाव
फिच के अनुसार, अब एआई टूल्स उपयोगकर्ताओं को बहुत कम समय में संगीत बनाने और उसे वैश्विक प्लेटफॉर्म्स पर अपलोड करने की सुविधा दे रहे हैं। इससे स्पॉटिफाई, डीजर और अन्य डिजिटल सर्विस प्रोवाइडर्स (DSPs) पर कंटेंट की बाढ़ आ गई है और कलाकारों के बीच सुनने वालों (लिस्नर्स) के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है। यह स्थिति धीरे-धीरे रॉयल्टी भुगतान को कम कर सकती है, जो संगीत अधिकारों के मूल्यांकन और निवेश पर सीधा प्रभाव डाल सकती है।
बड़ी कंपनियां मांग रहीं सख्त एआई नियंत्रण
फिच का कहना है कि प्रमुख संगीत उद्योग हितधारक अब सख्त एआई रेगुलेशन की मांग कर रहे हैं ताकि कॉपीराइट धारकों के हित सुरक्षित रहें। रिपोर्ट के अनुसार, "डिजिटल सर्विस प्रोवाइडर्स लगातार बदलते तकनीकी वातावरण के अनुरूप खुद को ढाल रहे हैं और बड़े उद्योग खिलाड़ी कॉपीराइट संरक्षण के लिए सख्त एआई नियंत्रणों का समर्थन कर रहे हैं।”
स्पॉटिफाई और डीजर ने उठाए कदम
हालांकि पूरी तरह एआई-जनित ट्रैक्स अभी भी कुल स्ट्रीमिंग का छोटा हिस्सा हैं लेकिन कई प्लेटफॉर्म पहले ही कार्रवाई शुरू कर चुके हैं। डीजर ने जनवरी 2025 से ही एआई संगीत को अपनी सिफारिशों और प्लेलिस्ट्स से बाहर कर दिया है। स्पॉटिफाई ने भी एआई ट्रैक्स की पहचान और नियंत्रण के लिए कड़े नियम लागू किए हैं। अब प्लेटफॉर्म 'फर्जी कलाकारों', 'स्पैम कंटेंट' और 'डुप्लीकेट अपलोड्स' के खिलाफ नई फिल्टरिंग तकनीकें इस्तेमाल कर रहा है। फिच का कहना है कि ये कदम पारदर्शिता बढ़ाने, असली कलाकारों को प्राथमिकता देने और रॉयल्टी फ्लो की सुरक्षा में मदद कर सकते हैं।
एआई संगीत से कंपनियों को भी हो सकता है फायदा
रिपोर्ट यह भी कहती है कि कुछ डिजिटल सर्विस प्रोवाइडर्स खुद एआई संगीत का निर्माण या स्वामित्व हासिल कर सकते हैं। ऐसा करने से उनकी कंटेंट लागत घटेगी और वे खुद रॉयल्टी के हकदार बन जाएंगे। हालांकि इससे असली कलाकारों की कमाई पर और दबाव बढ़ सकता है। फिच ने चेताया कि संगीत आईपी एबीएस की वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए शैली (genre), भौगोलिक विविधता, कलाकार और रिलीज अवधि जैसे तत्वों में संतुलन बनाए रखना आवश्यक है।