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    August 05, 2024

    सेंट्रल जेल में मोबाइल गांजा सप्लाई करता लेब टेकनीशन पकड़ा: दवाइयों के रेपर में पैक करके ले जा रहा था ,

    अलवर सेंट्रल जेल में कैदियों को नशीले पदार्थ और मोबाइल सप्लाई करने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जेल के सुरक्षा गार्डों ने जेल डिस्पेंसरी के लैब टेक्नीशियन 25 वर्षीय मनीष यादव को कैदियों को सप्लाई करने के लिए लाए गए मोबाइल व नशीले पदार्थ के साथ पकड़ा। उसके बैग से 3 मोबाइल, 16 पुड़ियों में 64 ग्राम गांजा, 83 बीड़ी बंडल, गुटखा व जर्दे की 10 पुड़िया और 4 कुबेर तम्बाकू के बंडल बरामद किए हैं। जेल प्रहरियों ने कोतवाली थाना पुलिस को बुलाकर आरोपी लैब टेक्नीशियन मनीष पुत्र किशन कुमार यादव निवासी गढ़ी थाना मुंडावर हाल बुध विहार को पुलिस के हवाले कर दिया। पहले भी जेल में कैदियों के पास गांजा व मोबाइल बरामद हो चुके हैं। अब यह नया मामला सामने आया है जेल के बाहर 4 ग्राम गांजा करीब 150 रुपए में मिल जाता है लेकिन जेल के अंदर इतने गांजे की कीमत बीस गुना हो जाती है। जेल सूत्रों के अनुसार, जेल में 4 ग्राम गांजे की पुड़िया करीब 3 हजार रुपए में कैदियों को सप्लाई की जाती है। इस हिसाब से 64 ग्राम गांजे की कीमत करीब 48 हजार रुपए होती है। जेल में बीड़ी के एक बंडल की कीमत एक हजार रुपए होती है। कैदियों को छोटा मोबाइल करीब 20 हजार रुपए में उपलब्ध करवाया जाता है कुबेर तम्बाकू की पुड़िया के कैदियों से 300 से 500 रुपए वसूले जाते हैं। जेल में नशीले पदार्थ व मोबाइल सप्लाई करने वालों का पूरा नेटवर्क काम करता है। इसमें जेल कर्मियों के शामिल होने से इनकार नहीं किया जा सकता।

    वहीं सीओ सिटी नारायण ने बताया कि लैब टेक्नीशियन मनीष कुमार यादव दवाइयां की सिसियो के अंदर यह मादक पदार्थ और इलेक्ट्रॉनिक सामान मोबाइल जैसी चीजों को छुपा कर जेल के अंदर कैदियों तक पहुंचाने का काम करता था

     

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