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    November 26, 2025

    साइबर फ्रॉड कनेक्शन: बैंक की होल्ड राशि निकालने से लेकर अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क को सिम भेजने तक बड़ा रैकेट बेनकाब

    राजस्थान पुलिस ने साइबर ठगी से जुड़े एक बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी श्रीगंगानगर में सिम कार्ड एक्टिवेट कर साउथ ईस्ट देशों—कंबोडिया, थाईलैंड और इंडोनेशिया—में भेजते थे, जहां से भारत में बड़े पैमाने पर साइबर फ्रॉड किए जा रहे थे।

    आरोपियों की पहचान चंद्र कुमार (29), संदीप चौहान (25) और दीपक (25) के रूप में हुई है। तीनों श्रीगंगानगर शहर के निवासी हैं। पुलिस ने इनके कब्जे से 21 किलो चांदी, 21 लाख रुपये नकद, 90 चेकबुक, 13 बैंक पासबुक, 64 ATM कार्ड, 44 एक्टिव सिम, आधार-पैन जनआधार कार्ड, 12 फर्जी मोहरें, 23 बिल बुक, लैपटॉप और फर्जी कंपनियों के दस्तावेज बरामद किए हैं।

    सिम नेटवर्क की बड़ी साजिश
    पुलिस के अनुसार, आरोपी गरीब लोगों को दो–तीन हजार रुपये का लालच देकर उनके पहचान पत्र, ATM, पासबुक और सिम हासिल कर लेते थे। इनकी ‘बैंक किट’ तैयार कर 50 हजार रुपये में विदेशी साइबर गिरोहों को बेच दिया जाता था। एजेंट ग्राहक से बार-बार OTP और फिंगरप्रिंट लेकर एक साथ कई सिम एक्टिवेट कर देता था, जिनमें से केवल एक ग्राहक को मिलती थी और बाकी विदेश भेज दी जाती थीं।

    होल्ड रकम निकालने में भी माहिर
    आरोपियों ने बैंक द्वारा होल्ड की गई साइबर ठगी की रकम निकलवाने की एक और तकनीक भी विकसित कर रखी थी। वे फर्जी मोहरें, GST नंबर और कंपनियों के लेटरपैड बनाकर बैंक में जाते थे और होल्ड अकाउंट को अनफ्रीज करवाकर रकम निकलवा लेते थे।

    अवैध कमाई से चांदी की खरीद
    आरोपी ठगी के पैसों से चांदी खरीद रहे थे। बरामद 21 किलो चांदी इसी अवैध कमाई का हिस्सा बताई जा रही है।

    श्रीगंगानगर में एयरटेल कंपनी ने एक FIR दर्ज कराई थी, जबकि दो अन्य मुकदमे घड़साना और मटीली राठान थानों में दर्ज किए गए। एसपी अमृता दुहन ने मीडिया से बातचीत में कहा कि आरोपियों का नेटवर्क काफी बड़ा है और इनके अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन खंगाले जा रहे हैं।

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