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    October 23, 2025

    भ्रष्टाचार का नया मामला: सरकारी योजना में फर्जी लाभ लेने वाले 30 आरोपी गिरफ्तार

    राजस्थान पुलिस ने सरकारी योजनाओं में फर्जी नामों से लाभ उठाने वाले 30 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई झालरापाटन, अकलेरा, डग, मनोहर और सुनैल थाना क्षेत्र में एक साथ की गई, जिसमें 70 से अधिक पुलिस टीमों ने हिस्सा लिया। पुलिस के अनुसार, यह देश की पहली तरह की एक बड़ी और गुप्त कार्रवाई थी।

    ऑपरेशन का विवरण

    ऑपरेशन की गोपनीयता को बनाए रखने के लिए सुबह 3:30 बजे सभी टीमों को ब्रीफिंग दी गई। करीब 600–700 किलोमीटर के क्षेत्र में फैले तीन जिलों में एक साथ छापेमारी की गई, ताकि आरोपी भाग न सकें। कार्रवाई का नेतृत्व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गिरिराज सिंह, एडिशनल एसपी मनोहर मीणा, डीएसपी गोविंद सिंह और जिले की विशेष टीमों ने किया।

    छापों में बरामदगी

    70 लोकेशनों पर छापेमारी के दौरान आरोपियों से करीब 53 लाख रुपये नकद, 12 लग्जरी वाहन, 30 अन्य वाहन, हजारों पासबुक, एटीएम कार्ड, वोटर आईडी, आधार कार्ड, कंप्यूटर, मोबाइल, प्रिंटर, फिंगर स्कैनर और साइन पैड जब्त किए गए।

    फर्जी बैंक ट्रांजेक्शन और नेटवर्क

    जांच में सामने आया कि आरोपियों के बैंक खातों में एक ही दिन या कम अंतराल में करोड़ों रुपये का लेन-देन हुआ। यह रकम प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, सामाजिक सुरक्षा, वृद्धावस्था पेंशन और अन्य मुख्यमंत्री योजनाओं के फर्जी लाभार्थियों के खातों में ट्रांसफर की जाती थी। फर्जी खातों का संचालन कॉल सेंटर और साइबर फ्रॉड नेटवर्क द्वारा किया जा रहा था।

    गिरोह का फैलाव और मुख्य आरोपी

    पुलिस ने बताया कि यह गिरोह झालावाड़, कोटा, बूंदी, बारां, चित्तौड़गढ़ और मध्यप्रदेश के कई जिलों तक फैला हुआ था। गिरोह के सदस्य फर्जी दस्तावेज बनाकर सरकारी योजनाओं से लाखों रुपये निकालते थे। मुख्य सरगना जगदीश उर्फ जैक, राजकुमार लोधी और राकेश लोधी सहित कई अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच जारी है।

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