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    December 04, 2025

    राज्यों में सबसे सरल बनेगा उत्तराखंड का SIR मॉडल, बीएलओ को भी बड़ी राहत

    उत्तराखंड में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया को अन्य राज्यों की तुलना में अधिक सरल बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) कार्यालय ने मतदाताओं और बीएलओ दोनों के लिए प्रक्रिया को आसान बनाने के निर्देश जारी किए हैं।

    पुराने मतदाताओं की मैपिंग से मिलेगी बड़ी सुविधा

    मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने प्री-SIR तैयारी तेज करने के निर्देश दिए हैं।

    • सभी जिलों में बीएलओ वोटर लिस्ट मैपिंग कर रहे हैं।
    • वर्ष 2003 के करीब 53 लाख मतदाताओं का डेटा वर्तमान वोटर लिस्ट से मिलान किया जा रहा है।

    इससे मतदाताओं को SIR फॉर्म भरते समय दस्तावेज ढूंढने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्हें केवल फोटो लगाकर हस्ताक्षर करना होगा और फॉर्म बीएलओ को सौंप देना होगा। इसके लिए चुनाव आयोग ने बीएलओ के लिए एक विशेष मोबाइल एप भी तैयार किया है।

    फॉर्म वापस न करने वाले मतदाताओं तक पहुंचेंगे BAG सदस्य

    निर्देशों के तहत सभी मतदान केंद्रों पर बूथ अवेयरनेस ग्रुप (BAG) को सक्रिय किया जा रहा है।
    SIR के दौरान BAG उन मतदाताओं के घर जाकर रिपोर्ट तैयार करेगा, जिनके फॉर्म वापस नहीं आए होंगे।
    इससे—

    • बीएलओ को घर-घर चक्कर लगाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी
    • SIR प्रक्रिया अधिक तेज़ और व्यवस्थित होगी

    BAG आसपास के लोगों से बातचीत कर कारण दर्ज करेगा कि वोटर ने फॉर्म क्यों नहीं जमा किया।

    शहरी क्षेत्रों में चुनौती बरकरार

    चुनाव आयोग का मानना है कि शहरी क्षेत्रों में SIR प्रक्रिया अधिक कठिन होगी।

    • कई लोग चुनाव संबंधी सूचनाओं से अनभिज्ञ रहते हैं
    • कुछ क्षेत्रों में फॉर्म देना भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है

    इसे ध्यान में रखते हुए निर्वाचन विभाग शहरी इलाकों के लिए अलग रणनीति तैयार कर रहा है।

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