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    November 20, 2025

    वैश्विक बाजारों की अनिश्चितता के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत, आरबीआई ने जताया भरोसा

    भारतीय रिजर्व बैंक लगातार उभरते जोखिमों और बदलती आर्थिक परिस्थितियों पर करीबी नज़र रख रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने गुरुवार को यह बात कही। दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (DSE) ने संबोधन के दौरान मल्होत्रा ने बताया कि आरबीआई रुपये के किसी विशेष स्तर को लक्ष्य नहीं बनाता। उन्होंने कहा कि हाल में डॉलर के मुकाबले रुपये में आई गिरावट का मुख्य कारण वैश्विक स्तर पर डॉलर की बढ़ती मांग है, न कि किसी तरह का घरेलू हस्तक्षेप।

    गवर्नर ने यह भी भरोसा जताया कि जल्द ही भारत के कुछ बैंक विश्व के शीर्ष 100 बैंकों की सूची में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि भारतीय बैंकिंग प्रणाली तेजी से सुदृढ़ हो रही है और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अपनी जगह बना रही है।

    उन्होंने कहा कि आरबीआई की सर्वोच्च प्राथमिकता वित्तीय प्रणाली की स्थिरता सुनिश्चित करना है। उनके अनुसार, “प्रणालीगत स्थिरता की रक्षा करते हुए नवाचार को प्रोत्साहित करना” नियामक का प्रमुख उद्देश्य है।

    मल्होत्रा ने यह भी बताया कि आरबीआई जहां भी संभव हो, नियमों को सरल बनाने की दिशा में काम कर रहा है, लेकिन इसके साथ ही आवश्यक सुरक्षा उपायों और सुरक्षा-व्यवस्था को बनाए रखना भी उतना ही जरूरी है। उन्होंने कहा कि नवाचार और सुरक्षा- दोनों के बीच संतुलन बनाना आधुनिक वित्तीय प्रणाली की जरूरत है। डीएसई में दिया गया आरबीआई गवर्नर का यह संबोधन मौजूदा आर्थिक माहौल में केंद्रीय बैंक के दृष्टिकोण और रणनीतिक प्राथमिकताओं की एक महत्वपूर्ण झलक माना जा रहा है।

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