राजधानी दिल्ली में गुरुवार को सोने की कीमतों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई। कमजोर मांग और बाजार में सतर्कता के माहौल के बीच सोना 600 रुपये टूटकर ₹1,31,600 प्रति 10 ग्राम पर आ गया।
चांदी में भी गिरावट का रुझान जारी रहा और यह ₹900 घटकर ₹1,80,000 प्रति किलोग्राम (सभी कर सहित) पर बंद हुई। इसकी पुष्टि अखिल भारतीय सर्राफा संघ ने की है।
बुधवार को सोना ₹1,32,200 प्रति 10 ग्राम, जबकि चांदी ₹1,80,900 प्रति किग्रा थी।
फेडरल रिजर्व के निर्णय से पहले बाजार में सतर्कता
HDFC सिक्योरिटीज के कमोडिटी विश्लेषक सौमिल गांधी के अनुसार, अगले सप्ताह होने वाली फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) की बैठक से पहले निवेशक सतर्क हैं। अनुवर्ती खरीद में कमी आने से गुरुवार को सोने की कीमतों में गिरावट देखी गई।
वैश्विक बाजारों का असर: सोना-चांदी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कमजोर
अंतरराष्ट्रीय बाजार में—
- सोना 0.15% गिरकर $4,197.10 प्रति औंस
- चांदी 2% गिरकर $57.34 प्रति औंस
पर ट्रेड कर रही थी।
विश्लेषकों के मुताबिक, अमेरिका की मिश्रित आर्थिक रिपोर्ट, कमजोर वेतन वृद्धि और छंटनी की खबरों से डॉलर और बॉन्ड यील्ड पर दबाव पड़ा है, जिससे सोने-चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव दिख रहा है।
अमेरिकी डेटा का बड़ा प्रभाव
मिराए एसेट के प्रवीण सिंह ने बताया कि नवंबर की ADP रिपोर्ट में वेतन वृद्धि में कमी आई, जो 2023 के बाद से सबसे खराब आंकड़ा है। इससे फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें बढ़ गईं, जिसके चलते सोना-चांदी दबाव में आए।
कोटक सिक्योरिटीज की कायनात चैनवाला ने बताया कि चांदी $57.2 प्रति औंस तक फिसल गई है। बाजार अब अमेरिकी बेरोजगारी दावे और छंटनी के आंकड़ों का इंतजार कर रहा है।
ETFs में तेज निवेश, फिर भी कीमतों में दबाव
ऑग्मोंट की रिसर्च प्रमुख रेनिशा चैनानी के अनुसार, चांदी अभी भी रिकॉर्ड ऊंचाई के करीब है क्योंकि फेड की संभावित दर कटौती की उम्मीद में चांदी आधारित ETFs में भारी निवेश हो रहा है।
केवल मंगलवार को करीब 200 टन का inflow देखने को मिला, जो 2022 के बाद सबसे बड़ा स्तर है।
उन्होंने कहा कि—
- बाजार में तरलता की चिंता
- अमेरिका–चीन स्टॉक में कमी
- चांदी का "महत्वपूर्ण खनिज" सूची में शामिल होना
आपूर्ति घाटा
इन कारणों से सालभर में चांदी की कीमतों में लगभग 100% की वृद्धि हुई है।
