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    November 29, 2024

    बाला किले का सौंदर्यकरण: 3 करोड़ खर्च के बाद भी बदहाली जारी, दीवारों पर पीक के दाग और टूटी लाईटें

    अलवर के ऐतिहासिक बाला किले का एक साल पहले 3 करोड़ रुपये की लागत से जीर्णोद्धार किया गया था, लेकिन वर्तमान स्थिति इसकी बदहाली को दर्शा रही है। दीवारों पर पीक के दाग, उखड़ा हुआ पलस्तर, और जगह-जगह टूटी हुई लाईटें इसकी सुंदरता को धूमिल कर रही हैं।

     

    किले के कई हिस्सों में दीवारों से रंग उड़ चुका है और छज्जों की हालत जर्जर हो चुकी है। यहां मौजूद पुलिस वायरलेस कंट्रोल रूम के तार मकड़जाल की तरह किले की दीवारों पर फैले हुए हैं, जो इसकी ऐतिहासिक महत्ता को प्रभावित कर रहे हैं। इसके अलावा, पर्यटकों के लिए पीने के पानी की उचित व्यवस्था भी नहीं है।

     

    हर वीकेंड करीब 1000 से 1200 पर्यटक यहां आते हैं, लेकिन रखरखाव की कमी उनकी उम्मीदों पर पानी फेर देती है। पुरातत्व विभाग ने 2021 में किले की मरम्मत और जीर्णोद्धार का काम शुरू किया था, जो सितंबर 2023 में पूरा हुआ। इसके बाद किला पर्यटकों के लिए खोला गया।

     

    किले के अंदर बने वेपन म्यूजियम में भी स्थिति खराब है। 48 लाख रुपये की लागत से बनाए गए इस संग्रहालय में लगे कांच साफ नहीं हैं, जिससे हथियारों को देखना मुश्किल हो जाता है।

     

    किले की स्थिति को सुधारने के लिए संग्रहालयाध्यक्ष ने आश्वासन दिया है कि तंबाकू उत्पादों के सेवन को रोकने के लिए जल्द ही गार्ड्स की तैनाती की जाएगी। इसके अलावा, टूट-फूट की मरम्मत संवेदक के जिम्मे होगी। दिसम्बर तक वेपन म्यूजियम को पुरातत्व विभाग के अधीन किया जाएगा, ताकि इसका रखरखाव बेहतर हो सके।

     

    बाला किले की वर्तमान स्थिति उसके ऐतिहासिक गौरव पर सवाल खड़े करती है, और इसे सुधारने के लिए प्रशासन को ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

     

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