सरिस्का टाइगर रिजर्व में साल के आखिरी दिन 31 दिसंबर को बुधवार होने के कारण सफारी बंद रहेगी। ऐसे में वर्ष 2025 की आखिरी सफारी मंगलवार को संपन्न हुई। इस अंतिम सफारी की सबसे बड़ी खासियत यह रही कि बाघिन ST-9 की शानदार साइटिंग हुई, जिसे 500 से अधिक पर्यटकों ने देखा।
सरिस्का में पर्यटकों की संख्या इतनी अधिक रही कि प्रवेश मार्ग पर वाहनों की कतार करीब 500 मीटर तक लग गई। दिनभर में 1,000 से ज्यादा पर्यटक सरिस्का पहुंचे। नए साल 2026 के पहले दिन 1 जनवरी से सफारी फिर से शुरू होगी, जिसके लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन बुकिंग जारी है।
थर्टी फर्स्ट के चलते अतिरिक्त व्यवस्थाएं
सरिस्का के डीएफओ अभिमन्यु साहरण ने बताया कि 31 दिसंबर को पर्यटकों की अधिक भीड़ को देखते हुए अतिरिक्त व्यवस्थाएं की गई थीं, ताकि किसी को असुविधा न हो। टिकट विंडो पर अतिरिक्त कर्मचारियों की तैनाती की गई, जबकि पार्क के भीतर सभी व्यवस्थाएं सुचारू रहीं। सफारी से पहले और बाद में कैंटीन में पर्यटकों के लिए चाय-कॉफी की सुविधा भी उपलब्ध रही।
उन्होंने कहा कि अरावली की पहाड़ियों से घिरा सरिस्का जंगल अपने आप में खास आकर्षण रखता है। वर्तमान में यहां रोजाना बाघ-बाघिन की साइटिंग हो रही है, जिससे पर्यटकों का उत्साह और बढ़ा है।
कोहरे के बावजूद शानदार टाइगर साइटिंग
सरिस्का घूमने आए पर्यटकों ने बताया कि वे पहले भी यहां आ चुके हैं। उनका कहना है कि सरिस्का का जंगल रणथम्भौर की तुलना में ज्यादा सुकून भरा है और अब टाइगर साइटिंग की संभावना भी काफी बढ़ गई है। कोहरे के बावजूद बाघिन ST-9 की स्पष्ट साइटिंग ने सफारी को यादगार बना दिया।
हर बुधवार को बंद रहती है सफारी
उल्लेखनीय है कि सरिस्का टाइगर रिजर्व में हर बुधवार को सफारी बंद रहती है। इस बार 31 दिसंबर बुधवार होने के कारण साल के आखिरी दिन सफारी नहीं हो सकी। 30 दिसंबर को ही 2025 की अंतिम सफारी कराई गई।
एक दिन पहले टहला क्षेत्र में टाइगर के दो बड़े शावकों की भी शानदार साइटिंग हुई थी, जिसे वन मंत्री संजय शर्मा ने सोशल मीडिया पर साझा किया था।
सरिस्का में अब 50 टाइगर
वर्तमान में सरिस्का के जंगल में टाइगरों की संख्या बढ़कर 50 हो गई है। इसी कारण कोर और बफर जोन, यहां तक कि अलवर शहर से सटे इलाकों में भी टाइगर की साइटिंग आम हो गई है। यह बढ़ती संख्या सरिस्का के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
