जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने सोमवार को राज्य विधान सभा में बताया कि उच्च न्यायालय के निर्देश की अनुपालना में राज्य सरकार द्वारा रामगढ बांध के प्रवाह क्षेत्र एवं जल ग्रहण क्षेत्र में सतत निगरानी एवं पर्यवेक्षण के लिए जयपुर जिला कलक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति गठित की गई है। इस समिति द्वारा बांध के कैचमेंट क्षेत्र में अवरोधों एवं अतिक्रमणों के चिह्नीकरण एवं हटाने की कार्यवाही नियमानुसार सतत रूप से की जा रही है। सम्पूर्ण बहाव क्षेत्र की वर्तमान स्थिति में अवरोधों और अतिक्रमणों का रिमोट सेंसिंग एवं ड्रोन द्वारा सर्वे कराया जाएगा।
सुरेश सिंह रावत शून्यकाल के दौरान मालवीय नगर विधायक कालीचरण सराफ द्वारा जयपुर शहर के मुख्य जल स्रोत रहे रामगढ़ बांध के बहाव क्षेत्र में रसूखदारों द्वारा बनाए रिसोर्ट,फार्म हाउस,पक्के निर्माण आदि के कारण पानी की आवक नहीं होने से उत्पन्न स्थिति के संबंध में ध्यान आकर्षण प्रस्ताव के सवाल का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि इस बांध का जल बहाव क्षेत्र राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार 3610.80 हैक्टेयर है, जिसमें राजस्व विभाग के क्षेत्राधिकार में 2679.88 हैक्टेयर एवं जयपुर विकास प्राधिकरण के क्षेत्राधिकार में 930.92 हैक्टेयर है। इसके अलावा पानी कई स्थानों पर निजी खातेदारी भूमि से होकर भी बहता है।
रावत ने बताया कि रामगढ़ बांध के बहाव एवं भराव क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने के लिए अब तक कई प्रयास हो चुके हैं। वर्तमान तक 323.30 हैक्टेयर भूमि पर अवरोधों एवं अतिक्रमणों का चिह्नीकरण कर हटाया जा चुका है। यह कार्यवाही सतत् रूप से आगे भी जारी रहेंगी। उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार 2 मीटर से अधिक उंचाई के एनिकटों को तोड़कर उनकी उंचाई 2 मीटर तक सीमित कर दी गई है।
जल संसाधन मंत्री ने बताया कि रामगढ़ बांध के जलग्रहण क्षेत्र में होने वाली गतिविधियों के भौतिक सत्यापन के लिये उच्च न्यायालय द्वारा मॉनिटरिंग कमेटी गठित की गई है, जो समय-समय पर रामगढ़ बांध के कैचमेंट क्षेत्र का दौरा कर वस्तुस्थिति की रिपोर्ट उच्च न्यायालय को प्रस्तुत करती है। रिपोर्ट के आधार पर उच्च न्यायालय द्वारा विभिन्न विभागों को आवश्यक दिशा—निर्देश प्रदान किये जाते है। साथ ही, उच्च न्यायालय के आदेशानुसार एक समिति का गठन किया गया है, जिसमें भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. समित शर्मा नोडल अधिकारी हैं। कमेटी द्वारा सैटेलाईट इमेज से अवरोधों एवं अतिक्रमणों को चिन्हित कर कार्रवाई करने के निर्देश दिये गये।
उन्होंने बताया कि दिनांक 21 जुलाई 2024 द्वारा रामगढ़ बांध क्षेत्र में अवरोधों/अतिक्रमणों के संबंध में तथ्यात्मक जानकारी प्राप्त करने के लिए अतिरिक्त मुख्य अभियंता जल संसाधन संभाग जयपुर की अध्यक्षता में विभागीय समिति का गठन किया गया है। साथ ही, विधानसभा सत्र में पूछे गये प्रश्न का गलत जवाब देने के लिए जांच की जायेगी तथा दोषी अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की
जायेगी।